Latest News: Advance Diploma In Panchgavya Therapy Online Classes will Start from 27 January 2024. Online & Offline Registration log www.panchvidya.com, We have Vistar kendra at KERAL, TAMILNADU, KARNATAKA, TELANGANA, JHARKHAND, UTTARPRADESH, MADHYA PRADESH, CHHATISGADH, GUJARAT, RAJASTHAN & HARIYANA. --> हेल्पलाईन 944 50 666 26 or 89500 95000 " एडवांस पंचगव्य थेरेपी" हेतु सभी विस्तार केंद्र के लिए ऑनलाइन नामांकन राशि केवल ऑनलाइन ( Admission ) या DD (Panchgavya Vidyapeetham के नाम से) (DD Payment Details) से जमा करें॰ प्रत्येक केंद्र में केवल 25 सीटें. योग्यता-10वीं या 12वीं, mail: [email protected] नामांकन जारी है

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पंचगव्य विद्यापीठम

भारतीय पौराणिक तकनीकी ज्ञान को समर्पित गुरुकुलीय विश्वविद्यालय

हमारा नारा

1) गोमाता से निरोगी भारत
2) गोमाता से असाध्य नहीं कोई रोग.

हमारा लक्ष्य

भारत के सभी जिलों में पंचगव्य चिकित्सा केंद्र एवं पंचगव्य चिकित्सा शिक्षा की उपलब्धता.

आइये ! साथ मिल कर बढ़ें ! आइये ! राष्ट्र निर्माण के इस यज्ञ में साथ आइये !

पंचगव्य विद्यापीठम एक शैक्षणिक आन्दोलन है, भारतीय चिकित्सा विधा को भारत में फिर से स्थापित करने के लिए. पंचगव्य विद्यापीठम के प्रयास से लुप्त हो गयी “नाडी और नाभि विज्ञान” फिर से पुनर्जीवित हो रही है. गौमाता के गव्यों (गोमय, गोमूत्र, क्षीर, दधी, मक्खन, छाछ, घी, भस्म, गोस्पर्श) से भारत की अर्थव्यवस्थता ऊंची उठेगी – भारत समृद्ध बनेगा। भारत के लोगों का स्वास्थ्य सुधरेगा | (read more)

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गव्यसिद्ध डॉक्टर दूसरे डॉक्टरों से भिन्न हैं

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गव्यसिद्ध डॉक्टर की व्याख्या – गव्यसिद्ध डॉक्टर दूसरे डॉक्टरों से भिन्न हैं क्योंकि गव्यसिद्ध डॉक्टर केवल बिमारियों के लिए ही चिकित्सा सेवा प्रदान नहीं करते बल्कि रोगियों के कल्याण एवं उनकी मनः स्थिति को धयान में रखते हुए उच्चतम जीवन शैली की परिकल्पना के साथ बिना भेद – भाव के सेवाएं प्रदान करते हैं.

और गोमूत्र को मुख्य गव्य औषध तथा उपगव्य के रूप में दही, छाछ, माखन, घृत, भष्म और स्पर्श से चिकित्सा. इसके साथ जैविक अनाज, फल, फूल और मसाले (वनस्पति औषध) का भी उपयोग किया जाता है. साथ ही दिनचर्या और पथ्य का विशेष ध्यान दिया जाने वाला चिकित्सा विधा है. साथ ही भारतीय रसोईघर (४८ मसलों के उपयोग से रस बनाने वाला घर.) जो विकृत हो चुका है, (अर्थात किचन में बदल गया है) मनुष्य जीवन में उसकी उपयोगिता को फिर से स्थापित करने की दिशा में शिक्षण कार्य तैयार किया गया है।

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हमें जीने के लिए 20.8 प्रतिशत घनत्व वाली वायु चाहिए. इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि हमारा मनुष्य शरीर इस प्रकार से बना है, जिसमें तीन इनपुट...

आयुर्वेद की दिनचर्या अर्थात संक्रमण से मुक्ति

  • May 3, 2021
  • पंचगव्य विद्यापीठम (Panchgavya Vidyapeetham)
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कोरोना को लेकर पूरे देश में मचे हाहाकार में एक बात एकदम स्पष्ट हो गयी है कि जिसकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है उसके लिए यह संक्रमण जानलेवा...
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स्वर्गीय राजीव भाई दीक्षित कहा करते थे जिस शरीर ने खून बनाना बन्द कर दिया हो उसे कब तक बाहरी खून देकर जीवित रखा जा सकता, पश्चिम से...

Testimonials

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    श्री हरेश भाई शाह

    पंचगव्य से अपना उपचार करवाने के मात्र 6 माह के भीतर ही उनका पूरा एक्जिमा जड़ से ठीक हो गया और उसका निशान भी पूरी तरह से खत्म हो गया|

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    श्री चंदूलाल पटेल

    इस पंचगव्य चिकित्सा पद्धति का अपने संपर्क में आने वाले रोगियों के बीच प्रचार करके उनका जीवन भी बचा रहे है|

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    श्री नारायण स्वामी

    गौशाला आए और अपना उपचार पंचगव्य से लेने का अनुरोध किया| उपचार शुरू करने के मात्र 3 दिन के भीतर ही इन्हे नींद आने लगी और 15 दिन में 5-6 घंटे सोने लगे तथा कब्ज भी ठीक हो गया

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    श्रीमती गुणवंती देवी

    गौशाला में ही रहकर अपना उपचार पंचगव्य से करवाना चाहा| 15 दिन गौशाला में रहने के बाद मात्र कुल 1 माह में पूरी तरह से स्वस्थ होकर अब अपना जीवन सुखमय तरीके से व्यतीत कर रही है|

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    श्री बी.के. मूर्ति

    चेन्नई के जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट जो किडनी के कैंसर से पीड़ित थे, पंचगव्य से चिकित्सा लेने के बाद वे अब पूरी तरह से स्वस्थ है